तुम कुछ भी कर जाओगे!
1. सफलता जो चाहे अगर,
नीयत रख तू नेक,
अर्जुन सम तू दृष्टि रख, धैर्य और विवेक!
2. पूर्ण सफलता निश्चित
है, स्वयं पर रख विश्वास,
मकड़ी-ब्रूस को याद रख, कभी न छोड़ आस!
3. पूर्ण सफलता के लिए,
दृढ़ कर ले संकल्प,
विषम परिस्थितियों कारने, मार्ग न ले अल्प!
4. असंभव कुछ भी नहीं,
पहले तू यह जान,
कल्पना (चावला) सम चाहत नभ कि, और परिश्रम बाण
5. असंभव शब्द है
शब्दकोश का, शूरवीरों का नहीं,
मन में लगन और साहस हो तो आकाश कि सीमा नहीं,
6. धीरज और संतोष रख,
खुद पर रख विश्वास,
ऊंचाइयों का लक्ष्य रख, जा छु ले आकाश,
लेखक: चंद्र कान्त भाटिया
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